आचार्य भिक्षु का 297वाँ जन्मदिवस एवं बोधि दिवस

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आचार्य भिक्षु का 297वाँ जन्मदिवस एवं बोधि दिवस

टी-दासरहल्ली।
आचार्य भिक्षु का 297वाँ जन्म दिवस एवं 265वाँ बोधि दिवस तेरापंथ भवन में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीवृंद द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुई। सभा ट्रस्ट अध्यक्ष नवरतन गांधी ने स्वागत वक्तव्य दिया। महिला मंडल ने गीतिका के माध्यम से अपनी भावना अर्पित की। शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने कहा कि आचार्य भिक्षु का 265वाँ बोधि दिवस हमें आत्म जागृति की प्रेरणा देता है। शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु की प्रज्ञा महान थी। सत्यान्वेषी उनके चरण अनुस्त्रोत में नहीं चले। अनुशासन के साथ दर्शन, ज्ञान, चरित्राराधना की साथ का जो सूत्र आचार्य भिक्षु ने दिए उनका नाम है तेरापंथ।
साध्वी निर्भयप्रभाजी एवं साध्वी चैलनाश्री जी ने अपने विचार व्यक्त किए। शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने मर्यादा पत्र का वाचन किया। साध्वीवृंद ने बोधि दिवस के उपलक्ष्य में एक मधुर गीत का संगान किया। इस अवसर पर सकल जैन श्रावक समाज की उपस्थिति रही। इस अवसर पर अनेक भाई-बहनों ने उपवास, जप, पौषद आदि अनुष्ठान किए। कार्यक्रम का संचालन मंत्री कन्हैयालाल गांधी ने किया।