संत संस्कृति के सजग प्रहरी होते हैं

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संत संस्कृति के सजग प्रहरी होते हैं

कोयंबटूर
मुनि सुधाकर जी को आर0एस0 पुरम स्थित प्रकाश बोथरा के निवास स्थान से विहार कर ए0के0एस0 नगर स्थित तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक प्रवेश किया। मुनि सुधाकर जी ने कहा कि संत संस्कृति के सजग प्रहरी होते हैं। संतों के सान्‍निध्य में जीवन में त्याग, संयम एवं वैराग्य के संस्कार जागृत होने चाहिए। चातुर्मास काल में त्याग एवं संयम की सुरसरिता प्रवाहित होनी चाहिए।
मुनि नरेश कुमार जी ने कहा कि चातुर्मास संयम का संदेश देता है। ये वर्षावास सबके जीवन में संयम की सुगंध फैलाए, ऐसी कामना करते हैं। समारोह का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल की कन्याओं ने महावीर अष्टकम से किया। ज्ञानशाला के बच्चों की प्रस्तुति सराहीय रही। महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत सुमधुर गीत प्रस्तुत किया गया।
जैन महासंघ के मंत्री गुलाब मेहता एवं स्थानक संघ के अध्यक्ष श्रीपाल कांकरिया ने मुनिद्वय का स्वागत किया। टीपीएफ के अध्यक्ष अमन बैद, तेयुप मंत्री रोहित चोरड़िया, सभा के अध्यक्ष प्रेम सुराणा, अणुव्रत समिति के मंत्री प्रकाश बोथरा, महिला मंडल की अध्यक्षा चंदा देवी सेठिया आदि ने मुनिश्री के स्वागत में अपने भाव व्यक्‍त किए। कार्यक्रम का संचालन भावना बोथरा ने किया।