अर्हम्

अर्हम्

समणी डॉ0 निर्वाणप्रज्ञा

जन-जन की निगाहों को एक नया नजारा मिला है,
जीवन की राहों को एक नया उजारा मिला है,
ज्योतिपुंज गुरुदेव के द्वारा साध्वीप्रमुखा के रूप में
गण की चाहों को एक दिव्य सितारा मिला है।

अभिवंदना करते हैं हम नव साध्वीप्रमुखाश्री जी का भावों के सुमनों से
अभिवंदना करते हैं हम नव साध्वीप्रमुखाश्री जी का श्रद्धा के मोती से
अभिवंदना करते हैं हम नव साध्वीप्रमुखाश्री जी का समर्पण के कुंकुम से
अभिवंदना करते हैं हम नव साध्वीप्रमुखाश्री जी का अनुशासन के केसर से
महापुरुषों का जीवन विलक्षणताओं का आलय होता है। साध्वीप्रमुखाश्री जी के जीवन में भी हमें अनेकानेक विलक्षणताएँ
दृष्टिगोचर होती हैं। आपका चयन 15-5-2022 को हुआ, अंक गणित के अनुसार इसका जोड़ 8 होता है। आपको आठ साध्वीप्रमुखाओं की शक्ति व आशीर्वाद प्राप्त है। आठ का ठाठ आपके जीवन में परिलक्षित होते हैं।
- आप मुमुक्षु से ‘नए युग का नया संन्यास’ विलक्षण दीक्षा की प्रथम कड़ी बन समण श्रेणी में प्रवेश किया।
- समण श्रेणी की प्रथम समणी नियोजिका बने।
- मुमुक्षु बहनों की निर्देशिका बने।
- मुख्य नियोजिका जी के पद पर सुशोभित हुए।
- समण श्रेणी की व्यवस्था का दायित्व संभाला।
- आप पहली साध्वीप्रमुखा हैं जिन्होंने 42 वर्षों तक साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी के सान्निध्य में रहकर व्यवस्था कौशल के गुर सीखे।
- आप पहली साध्वीप्रमुखाजी हैं जो 64 वर्ष की उम्र में साध्वीप्रमुखा बने हैं।
- समण श्रेणी से बनने वाली पहली साध्वीप्रमुखा हैं।
आपका यह आध्यात्मिक सफरनामा पुरुषार्थ की गाथा है। हम मंगलकामना, मंगलभावना करते हैं-

शुभभाव से शुभ विचार से, शुरू हुआ यह अभियान।
श्रद्धा समर्पण समन्वय से, सफल होगा हर काम।।