वार्षिक अधिवेशन एवं वर्धापना समारोह

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वार्षिक अधिवेशन एवं वर्धापना समारोह

भायंदर।
अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं, मुंबई द्वारा आयोजित 41वाँ वार्षिक अधिवेशन व साधारण सभा वर्धापना लक्षित मंजिल की ओर का आयोजन शासनश्री साध्वी विद्यावती जी ‘द्वितीय’ एवं साध्वीवृंद के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, भायंदर में किया गया। प्रथम सत्र ऊर्जा सत्र का शुभारंभ साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ किया। भायंदर महिला मंडल की बहनों द्वारा सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी गई। मुंबई महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सभी का स्वागत करते हुए सभी के निरंतर सहयोग के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की। वर्ष भर में आर्थिक सहयोग प्रदान करने हेतु सभी प्रायोजकों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
साध्वीवृंद द्वारा सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। मीरा रोड, भायंदर, वसई, नालासोपारा व विरार की बहनों ने विषय पर प्रस्तुति दी। शुभकामनाओं के स्वर में अभातेयुप के सहमंत्री भूपेश कोठारी, मुंबई सभा के मंत्री दीपक डागलिया, भायंदर सभा से भगवती लाल, भायंदर तेयुप अध्यक्ष राकेश वागरेचा ने महिला शक्ति को आध्यात्मिक शुभकामनाएँ प्रेषित की। साध्वी प्रियंवदा जी ने कहा कि गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी ने एक परिकल्पना की उसका सुंदर रूप यहाँ देख रहे हैं। शासनश्री साध्वी विद्यावती जी ‘द्वितीय’ ने कहा कि महिला शक्ति तो बहुत बड़ी शक्ति है। आगम का कार्य अपने आपमें बहुत बड़ा कार्य है।
अधिवेशन के प्रथम सत्र का संचालन उपाध्यक्ष विमला कोठारी ने तथा आभार ई-मीडिया प्रभारी सुचिता कोठारी ने किया। द्वितीय सत्र विवर्धना सत्र में विवर्धना का निष्कर्ष में पूर्वाध्यक्ष सुमन बच्छावत ने कहा कि समय व ऊर्जा का संगम ही टाइम है स्वयं का अवलोकन करें। विवर्धना का आह्वान परंपराओं का सम्मान में निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमुद कच्छारा ने पारिवारिक, सामाजिक व संघीय परंपराओं के बारे में बताते हुए कहा कि इनके साथ ही हमें संघीय परंपराओं को भी निभाना है।
अभातेममं निवर्तमान महामंत्री तरुणा बोहरा ने विवर्धन का सम्मान संस्था का उत्थान के अंतर्गत केसरिया परिधान की महत्ता बताते हुए कहा कि जब हम इसे पहनते हैं तो मर्यादा, अनुशासन व संस्था के प्रति सेवा की जिम्मेदारी ओढ़ी है, हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना है। अभातेममं महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला चंडालिया ने कहा कि जैन जीवनशैली के नव सूत्र हमारे व्यवहार में झलकें। पूर्वाध्यक्ष भारती सेठिया द्वारा विवर्धना का आधार हमारा संविधान का वाचन किया गया। द्वितीय सत्र का संचालन अनिता सिंयाल व आभार वंदना चपलोत ने किया। तृतीय सत्र विवर्धना विकास का दर्पण के अंतर्गत कोषाध्यक्ष सुनिता सुतरिया ने पूरे वर्ष के आय-व्यय का ब्यौरा पेश किया।