भारतीय ऋषि परंपरा के महान संत थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ

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भारतीय ऋषि परंपरा के महान संत थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ

पुणे।
आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 103वाँ जन्म दिवस साध्वी काव्यलता जी के सान्निध्य में मनाया गया। खडकी में समायोजित कार्यक्रम की शुरुआत पुणे तेरापंथ महिला मंडल की मंगल स्वरों से हुई। साध्वी काव्यलता जी ने कहा कि अध्यात्म जगत के महासूर्य आचार्य महाप्रज्ञ का जीवन पुरुषार्थ और निश्च्छल व्यक्तित्व की यशोगाथा है। भारतीय ऋषि परंपरा के महान संत थे। युग-युग तक राहों को रोशन करने वाले अबुझ चिराग का नाम है आचार्यश्री महाप्रज्ञ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए साध्वी ज्योतियशा जी ने कहा कि आलौकिक प्रज्ञा के धनी आचार्य महाप्रज्ञ जी के प्रवचन व्यक्तित्व के जीवन की दिशा और दशा को सुधारने में सक्षम है। साध्वी सुरभिप्रभाजी ने गीतिका का संगान किया। आज का आनंद हिंदी पत्रिका के संस्थापक आनंद अग्रवाल ने आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी को समाज सुधारक के रूप में महान संत बताया। तेयुप का जैन संस्कार विधि से शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ। तेरापंथ सभा पुणे के अध्यक्ष महावीर कटारिया, पिंपरी चिंचवड के प्रकाश गादिया, महिला मंडल की अध्यक्षा पुष्पा कटारिया, पिंपरी चिंचवड की संस्थापक अध्यक्षा लता कांकरिया ने अपने विचार रखे। तेरापंथ सभा के पूर्व मंत्री व समर्पित कार्यकर्ता संजय मरलेचा ने आभार ज्ञापन किया। महेंद्र मरलेचा ने अपने विचार व्यक्त किए।