सिद्धयोगी थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ

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सिद्धयोगी थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ

सैंतला, ओड़िशा।
मुनि प्रशांत कुमार जी, मुनि कुमुद कुमार जी की प्रेरणा से आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 103वाँ जन्म दिवस सामायिक, जप, गीत एवं वक्तव्य के द्वारा सैंतला तेरापंथ भवन में मनाया गया। सभा अध्यक्ष उदयचुद जैन ने कहा कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी सिद्ध योगी पुरुष थे। उनका जीवन उच्च कोटि का पवित्र एवं पावन था। महात्मा महाप्रज्ञजी के साहित्य एवं प्रवचन ने जनमानस की विचारधारा को बदला। महिला मंडल की बहनों ने सामुहिक रूप से महात्मा महाप्रज्ञ के जीवन-दर्शन से संबंधित गीत का संगान कर वातावरण को महाप्रज्ञमय बना दिया। सचिन जैन ने बताया कि नवकार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। महाप्रज्ञ जप एवं लोगस्स का सामुहिक संगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।