चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन

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चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन

कटक, उड़ीसा
मुनि जिनेश कुमार जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश समारोह तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि संत भ्रमणशील होते हैं। भ्रमणशीलता ही उनकी पहचान है। वे आठ महीने तक विचरण करते हैं और चार महीना तक एक स्थान पर रहते हैं, जिसे हम चातुर्मास कहते हैं। चातुर्मास साधना सिद्धि का अवसर है। इस अवसर पर मुनि परमानंद जी ने कहा कि चातुर्मास में अपने वक्त को धर्म की आराधना व प्रवचन श्रवण में नियोजित करना चाहिए। बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत कर चातुर्मास सफल बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक मोहम्मद मुक्किम ने कटक शहर में संतों का स्वागत करते हुए कहा कि संतों के प्रवचन से अनेक लोगों में बदलाव लाया जा सकता है।
इस अवसर पर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मोहनलाल सिंघी ने स्वागत भाषण के साथ डॉ0 मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी एवं तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया द्वारा प्रेषित मंगलकामना को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल द्वारा मंगलाचरण व गीत से हुआ। इस अवसर पर तेरापंथी महासभा के कार्यकारिणी सदस्य प्रफुल्ल बेताला, मुकेश सेठिया, तेयुप अध्यक्ष भैरव दुगड़, तेममं अध्यक्षा हीरा बैद, तेरापंथी सभा, भुवनेश्वर के अध्यक्ष बच्छराज बेताला सहित अनेक पदाधिकारीगण एवं सदस्यों ने संतों के स्वागत में अपने विचार व्यक्त किए। तेममं, तेयुप, ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने स्वागत गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का आभार तेरापंथी सभा के मंत्री चैनरूप चोरड़िया व संचालन तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष हनुमान सिंघी ने किया। अतिथियों का पंचरंगी पट्टी के द्वारा तेरापंथी सभा द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जप अनुष्ठान भी कराया गया। कार्यक्रम में कटक, भुवनेश्वर आदि क्षेत्रों से अच्छी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।