रूपांतरण थ्रू जैनिज्म-शिल्पशाला

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रूपांतरण थ्रू जैनिज्म-शिल्पशाला

हैदराबाद।
अभातेममं के निर्देशानुसार हैदराबाद महिला मंडल के तत्त्वावधान में रूपांतरण थ्रू जैनिज्म, विषय: ‘संयम कार्यशाला’ तेरापंथ भवन में आयोजित की गई। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण के रूप में संगान किया गया। महिला मंडल अध्यक्ष अनीता गीड़िया ने सभी का स्वागत किया एवं कार्यशाला के लिए शुभकामनाएँ दी। साध्वी त्रिशला कुमारी जी के सान्निध्य में हुई कार्यशाला में साध्वीश्री जी ने कहा कि चातुर्मास शब्द में ही सारे संयम का सार भरा है।
साध्वी रश्मिप्रभाजी ने सुंदर संगान किया। साध्वी कल्पयशाजी ने बताया कि सुख की पुड़िया सब खरीदना चाहते हैं, लेकिन दुख की कोई नहीं। हम असल में आडंबर में जी रहे हैं। धर्म का वास्तविक स्वरूप वही है, जिससे जीवन में रूपांतरण आए। जीवन में संयम का अवतरण होना चाहिए। संयोजिका ज्योति भूतोड़िया, जतन ओसवाल का सहयोग रहा। अंत में कार्यशाला का समापन साध्वीश्री जी के मंगलपाठ से हुआ। इस अवसर पर लगभग 125 श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही।