दिव्य बोध युवा संस्कार कार्यशाला

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दिव्य बोध युवा संस्कार कार्यशाला

भुज।
मुनि पुलकित कुमार जी के सान्निध्य में सकल जैन समाज के युवाओं को आह्वान करते हुए ‘दिव्य बोध युवा संस्कार कार्यशाला’ तेयुप एवं महिला मंडल, भुज के तत्त्वावधान में में आयोजित हुआ। मुनि पुलकित कुमार जी ने कहा कि युवा शक्ति किसी भी देश, समाज एवं परिवार का आधार स्तंभ होती है। युवाओं में जोश के साथ होश भी बढ़े इसलिए ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन महत्त्वपूर्ण बन जाता है। मुनिश्री ने ‘लाईफ मैनेजमेंट के आध्यात्मिक सूत्र’ विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि जीवन में आध्यात्मिक सूत्रों का विशेष महत्त्व होता है। अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह सिद्धांतों को अपनाकर दैनिक जीवन की अनेक समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इस अवसर पर मुनि आदित्य कुमार जी ने परिवार में बच्चों के भीतर छिपे टैलेंट को कैसे खोजा जाए तथा संतों की आध्यात्मिक शक्ति से कैसे कनेक्ट बनें रहा जा सकता है, इस पर वक्तव्य दिया। मुनिश्री द्वारा महामंत्रोच्चार से कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। तेयुप सदस्यों द्वारा विजय गीत हुआ। महिला मंडल की तरफ से भारतीबेन शाह तथा तेयुप की तरफ से अध्यक्ष आशीषभाई बाबरिया ने वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप संगठन मंत्री आदर्श संघवी ने किया। कार्यशाला में भुज समस्त जैन समाज के युवाओं ने अच्छी संख्या में भाग लिया।