आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 102वाँ जन्म दिवस

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 102वाँ जन्म दिवस

हैदराबाद
प्रज्ञा दिवस पर साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जी का व्यक्‍तित्व बहुआयामी था। एक निश्‍चल बालक, आज्ञाकारी शिष्य, ज्ञान पिपासु विद्यार्थी, एक अकिंचन मुनि, ज्ञान गंगा प्रवाहक गुरु, एक अध्यात्मिक वैज्ञानिक व्यक्‍तित्व, महान दार्शनिक, संघ प्रभावक आचार्य, कुशल शिल्पी, प्रवचन पटु, महान साहित्यकार, आगम मर्मज्ञ और योग्य अनुशास्ता थे।
उम्मेदचंद धाड़ीवाल के निवास पर आयोजित इस कार्यक्रम का प्रारंभ सुनीता सुराणा के मंगल गीत से किया गया। राजेंद्र धाड़ीवाल ने अपने प्रांगण में अतिथियों का स्वागत किया। उपासिका सरोज सुराणा, गौरव दुगड़, सांची, गरिमा, तेयुप के मंत्री अतुल डूंगरवाल, सभा मंत्री सुशील संचेती, उपासिका रंजू बैद, सभा के उपाध्यक्ष बाबूलाल बैद, सतीश दुगड़, बाबूलाल सुराणा, प्रकाश बैद और साध्वी स्वस्थप्रभा जी ने समवेत स्वर में गीत प्रस्तुत किया। साध्वी मल्लीप्रभा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया। आभार ज्ञापन सूरज चौहान ने किया।