परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला

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परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला

पल्लावरम, चेन्नई।
तेरापंथ सभा भवन में ‘परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला’ को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि परिवार समाज की एक ईकाई है। परिवार तब अच्छा होता है, जब परिवार मे जीने वाला हर सदस्य अच्छा हो। आनंद का जीवन सभी जीना चाहते हैं, पर वह मंगलमय जीवन कैसे जिया जाए? इस पर चिंतन आवश्यक है। परिवार में रहने वाले बुजुर्गों के सद्अनुभवों से प्रत्येक सदस्य अपने को भावित करें। साध्वीश्री जी ने प्रासंगिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि परिवार आदर से चलते हैं, आग्रह से नहीं। परिवार में रहने वाला हर सदस्य एक-दूसरे को समझने की कोशिश करे। जीवन में आने वाली उतार-चढ़ाव की तरंगों में संतुलन रखना आवश्यक है।
कार्यशाला का प्रारंभ मुमुक्षु कोमल भंसाली के मंगलाचरण से हुआ। साध्वी डॉ0 शौर्यप्रभाजी ने कहा कि परिवार की आन, बान और शान बनाए रखना आप सभी का परम दायित्व है। तेरापंथ महासभा के आंचलिक प्रभारी ज्ञानचंद आंचलिया ने कहा कि साध्वी मंगलप्रज्ञाजी एक प्रबुद्ध विचारक साध्वी हैं। जिनकी प्रेरणा श्रम और चिंतन से चेन्नई का जन-जन लाभान्वित हो रहा है। साध्वी शौर्यप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभाजी एवं साध्वी सुदर्शनप्रभाजी ने परिवार गीतिका का सहसंगान किया। कन्या मंडल ने लघु नाटिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री दिलीप भंसाली ने किया।