पंचदिवसीय संस्कार निर्माण शिविर

संस्थाएं

पंचदिवसीय संस्कार निर्माण शिविर

कटक।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में पंचदिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन सेठिया सदन में तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। शिविर के प्रथम दिन मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जीवन में ज्योति का मूल्य है। ज्योति बिना जीवन अधूरा है। अधूरा जीवन अभिशाप होता है। जीवन में ज्योति पाने का सफल उपाय सुसंस्कार है। जिससे आत्मा परिमार्जित व संस्कारित हो उसका नाम सुसंस्कार है। मुनिश्री ने आगे कहा कि संस्कार निर्माण शिविर का उद्देश्य व्यक्ति के भीतर नई चेतना का संचार करना, ऊर्जा को प्राप्त करना है। संस्कार निर्माण का पहला सूत्र सहिष्णुता। सहिष्णुता का अर्थ कायरता या कमजोरी नहीं है सहिष्णुता का अर्थ है कष्टों को सहन करना। सुख-दुःख में समभाव रखना। सहिष्णुता से व्यक्ति सकारात्मक सोच का विकास करता है। मुनि परमानंद जी ने कहा कि संस्कार जीवन को संवारने का कार्य करता है। संस्कारों के पतन से जीवन का पतन हो जाता है। मुनि कुणाल कुमार जी ने लोगस्स पाठ कराया। मुनि जिनेश कुमार जी, मुनि परमानंद जी, किरण बैंगानी, मोनिका सेठिया, श्वेता चौपड़ा, विनीता दुगड़, शशि विनायकिया ने कक्षाएँ लीं एवं प्रशिक्षण दिया। तेरापंथ सभा, तेयुप, तेममं, ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं का योगदान रहा। सौरभ सेठिया, ऋषभ दुगड़ का श्रम सराहनीय रहा। शिविर के प्रथम दिन 72 शिविरार्थियों ने हिस्सा लिया। शिविर में स्मृति दर्शन प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तर आदि ज्ञानवर्धक उपक्रम भी आयोजित हुए।