अद्भुत व्यक्तित्व के धनी आचार्यश्री तुलसी

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अद्भुत व्यक्तित्व के धनी आचार्यश्री तुलसी

जसोल।
साध्वी रतिप्रभाजी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी की पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी द्वारा नवकार महामंत्र से हुआ। उपासिका लीलादेवी सालेचा ने सोहनीदेवी सालेचा के द्वारा तुलसी अष्टकम् से मंगलाचरण हुआ। साध्वी रतिप्रभाजी ने कहा कि गणाधिपति गुरुदेव तुलसी ऐसा अद्भुत व्यक्तित्व था जिन्होंने अपनी 22 वर्ष की उम्र में 83 वर्ष के आचार्य काल में अपने कर्तव्य से अनेकों आश्चर्यकारी कार्य किए।
साध्वी कलाप्रभाजी ने गीत, कविता के द्वारा भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी मनोज्ञयशाजी ने बताया कि आचार्यश्री तुलसी एक नन्हीं सी बूँद कैसे महासागर बन गई और कैसे एक किरण महासूर्य बनी। तेरापंथ महिला मंडल, जसोल ने लघु नाटिका द्वारा आचार्यश्री तुलसी के अवदानों की रोचक प्रस्तुति दी। सिवांची मालाणी क्षेत्रीय संस्था के अध्यक्ष डूंगरचंद सालेचा, जोधपुर संभाग प्रभारी गौतमचंद सालेचा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष उषभराज तातेड़, महिला मंडल अध्यक्ष सोहनीदेवी सालेचा, उपासिका मोहनीदेवी संकलेचा, अभातेयुप के पूर्व महामंत्री हनुमानचंद लुंकड़, लीलादेवी छाजेड़ आदि ने कविता, मुक्तक, गीत, भाषण के द्वारा अपनी श्रद्धा आराध्य के प्रति समर्पित की। तेममं द्वारा आयोजित लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पुष्पादेवी बुरड़ व दूसरा स्थान मोहनीदेवी संकलेचा ने प्राप्त किया। आभार ज्ञापन अरुण डोसी ने किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी पावनयशाजी ने किया।