आचार्यश्री महाप्रज्ञ का जन्म दिवस समारोह

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ का जन्म दिवस समारोह

सिकंदराबाद।
साध्वी त्रिशला कुमारी जी के सान्निध्य में तथा तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद एवं टीपीएफ के संयुक्त तत्त्वावधान में तेरापंथ धर्मसंघ के दशम अधिशास्ता आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 103वें जन्म दिवस का कार्यक्रम प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया। टीपीएफ के तत्त्वावधान में ।जजंपद लवनत पददमत चमंबम कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ टीपीएफ सदस्यों के द्वारा मंगलाचरण से हुआ। सभा के अध्यक्ष बाबूलाल बैद एवं टीपीएफ के अध्यक्ष मोहित बैद ने आगंतुकों का स्वागत किया। महासभा की ओर से ललित बैद, महिला मंडल की अध्यक्ष अनीता गीड़िया ने अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की। कावडीगुड़ा की बहनों की प्रस्तुति हुई। ज्ञानशाला के बच्चों ने नुक्कड़ नाटिका प्रस्तुत की। साध्वी संप्रत्तिप्रभाजी ने अपने विचार व्यक्त कए। साध्वी रश्मिप्रभा जी ने गीतिका के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किए। तेयुप अध्यक्ष प्रवीण श्यामसुखा, टीपीएफ के राष्ट्रीय सहमंत्री ऋषभ दुगड़ ने भी अपने भाव व्यक्त किए।
साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने कहा कि 103 साल पहले राजस्थान के छोटे से कस्बे टमकोर में एक शिशु ने अवतरण लिया था। कोई भी व्यक्ति जन्म से महान नहीं होता है, महान होता है अपने कर्तव्य और व्यक्तित्व से। टीपीएफ के द्वारा आयोजित कार्यशाला के संदर्भ में साध्वीश्री जी ने कहा कि टीपीएफ ने बहुत ही समसामायिक विषय का चयन किया है। आज के इंसान को सबसे ज्यादा किसी चीज की आवश्यकता है तो है शांति की। यदि आप शरीर से स्वस्थ और मन से शांति चाहते हैं तो आपको प्रेक्षाध्यान की शरण में आना होगा। प्रेक्षाध्यान न केवल आपके तन-मन को स्वस्थ करता है, अपितु आपके इमोशनल पावर को भी बढ़ाता है। साध्वी कल्पयशाजी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए। आभार ज्ञापन टीपीएफ के पंकज संचेती ने किया।