धर्म ध्यान के लिए महत्त्वपूर्ण  है चातुर्मास का समय

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धर्म ध्यान के लिए महत्त्वपूर्ण है चातुर्मास का समय

जीन्द (हरियाणा)
शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी ठाणा-4 का तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश उल्लासपूर्ण वातावरण में हुआ। साध्वीश्री जी ने प्रात: खजानचंद के निवास स्थान से प्रस्थान किया। सभा, तेयुप, महिला मंडल, टीपीएफ आदि सभी संस्थाओं के सदस्य गणवेश में चल रहे थे, सुमधुर गीतों सेे एवं जयनाद के नारों से राजमार्ग गुंजायमान हो रहा था। विशाल जुलूस के साथ रानी तालाब गुरुद्वारा रोड से होते हुए भवन में पदार्पण हुआ। साध्वीश्री जी का हिसार तुलसी उपसेवा केंद्र की सफलतम (सेवा) चाकरी संपन्‍न कर तोषाम, जमालपुर, ऊमरा, हांसी, नारनोंद, जीन्द के उपनगरों की संभाल करते हुए तेरापंथ भवन में शुभागमन हुआ।
मंगलाचरण महिला मंडल ने गीत से किया। इस अवसर पर साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि आज हमारा अंतकरण परम प्रसन्‍नता की अनुभूति से आप्लावित हो रहा है, क्योंकि गुरुदेव का हमें जो आदेश मिला था, निर्देशानुसार हम अपने गंतव्य स्थान पर पहुँच गए हैं।
आपने हमारा भावभीना स्वागत किया। हम आपकी नगरी में अध्यात्म की खुशबू फैलाने आए हैं। संयम के सुमन खिलाने आए हैं। हमारा सच्चा स्वागत अहिंसा के सुमनों से करें। अणुव्रत के संकल्प से करें, चातुर्मास धर्म की सीजन है, धर्म अध्यात्म की फसल उगाने का समय है। आत्म दर्शन करें तप, त्याग, स्वाध्याय, ध्यान से जीवन को महकाएँ। सभी संस्थाएँ मिलकर कार्य करें, चातुर्मास को सफल बनाएँ। व्रती बनें अणुव्रती बनें।
साध्वी सुलभयशा जी ने कहा कि चातुर्मास का समय महत्त्वपूर्ण होता है, धर्म-कर्म करते हुए भीतर में रहने का अभ्यास करना चाहिए। साध्वी सुमंगलाश्री जी एवं साध्वी सुलभयशा जी भगिनीद्वय ने मधुर स्वर लहरी में संगान किया।
तोषाम से समागत साध्वीश्री जी के संसारपक्षीय भ्राता राजेंद्र जैन, भाभी मंजू जैन, नैन्सी जैन, सभाध्यक्ष खजानचंद जैन, तेयुप से कुणाल जैन, टीपीएफ के अध्यक्ष बी0एफ0 गर्ग, तेयुप आदि वक्‍ताओं ने साध्वीवृंद का गीत वक्‍तव्य के द्वारा चातुर्मास प्रवास की मंगलकामना करते हुए भावभीना स्वागत किया। महिला मंडल की अध्यक्षता कांता जैन ने अभिवंदना करते हुए साध्वीवृंद का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप के परामर्शक राजेश जैन ने किया