साधिका का अभिनंदन

साधिका का अभिनंदन

साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री

चंदेरी के चाँदनी का आज करते अभिनंदन।
भाग्य और पुरुषार्थ की मंदाकिनी का करते अभिनंदन।।

महाप्रज्ञ की स्वर्गस्थली में रचा अनूठा इतिहास है,
महाश्रमण ने शासनमाता के रिक्त स्थान में भरा मिठास है,
अध्यात्म निष्ठा, ध्यान साधना की साधिका का अभिनंदन।।

धीरता, गंभीरता, सहनशीलता, स्वाध्यायप्रियता निराली,
गुरु तुलसी महाप्रज्ञ से मिली आपको अमृत की प्याली,
विलक्षण प्रतिभा, श्रुत संपदा की साधिका का अभिनंदन।।

जय विजय हो हर कदम पर नव स्वस्तिक रचाएँ,
महाश्रमण की कुशल अनुशासना पा लिखे नई ऋचाएँ,
तप-जप से भावित, मोह विलय की साधिका का अभिनंदन।।

संयम निष्ठा, संघ निष्ठा, गुरु निष्ठा अद्भुत है तब चिंतनशैली,
प्रबल भाग्योदय से प्रभु ने बनाया तुम्हें चित्रावेली,
गुरु आराधिका, संयम की साधिका का अभिनंदन।।

रहो निरामय बाँटों अमृत, साध्वी समाज रहे खुशहाल,
कर सार्थक जीवन का हर पल, करना हम सबकी संभाल,
आत्म स्वरूपा महाप्रज्ञ की प्रज्ञा रश्मि का करते अभिनंदन।।