आचार्यश्री तुलसी एक अनुशासनप्रिय आचार्य थे

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आचार्यश्री तुलसी एक अनुशासनप्रिय आचार्य थे

सरदारपुरा।
गुलाब नगर स्थित पार्श्वनाथ मंदिर में साध्वी सत्यवती जी के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। मंगलाचरण तेममं, सरदारपुरा द्वारा तुलसी अष्टकम् द्वारा हुआ। स्वागत वक्तव्य विनय तातेड़ ने दिया। साध्वी शशिप्रज्ञा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी एक अनुशासनप्रिय आचार्य थे, जिनमें प्रेम और अनुशासन का संगम था। साध्वी पुण्यदर्शना जी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि आचार्यश्री तुलसी ने अपना अमूल्य समय व्यक्तित्व निर्माण में लगाया।
शासनश्री साध्वी सत्यवती जी ने कहा कि आचार्य तुलसी ने आत्म अनुशासन, सहिष्णुता, विनम्रता, समता, सेवा और विसर्जन का सूत्र दिया और उन सूत्र पर स्वयं चलकर अद्भुत मिसाल पेश की। महिला मंडल अध्यक्षा सरिता कांकरिया, तेयुप अध्यक्ष महावीर चौधरी, टीपीएफ अध्यक्ष पवन बोथरा, अणुव्रत समिति अध्यक्षा सुधा भंसाली, कनक बैद, सुश्रावक जिनेश्वर तातेड़, प्रकाश जीरावला, कमल दुगड़, श्रेयांस कोठारी, नरपत चंद सालेचा, रंगलाल सालेचा आदि ने वक्तव्य के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वरिष्ठ श्रावक जगदीश धारीवाल, तेममं, ज्ञानशाला से भावित रांका, तेयुप सरदारपुरा जितेंद्र गोगड़, सुनील बैद आदि ने गीतिका के माध्यम से राष्ट्रसंत की अभिवंदना की। आभार ज्ञापन वरिष्ठ श्रावक हनवंत राज मेहता ने किया।