इतिहास पुरुष आचार्यश्री तुलसी

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इतिहास पुरुष आचार्यश्री तुलसी

विल्लीवक्कम, चेन्नई।
आचार्यश्री तुलसी की 26वीं पुण्यतिथि पर ‘आचार्य तुलसी जीवन दर्शन’ विषयक कार्यशाला, मुनि सुधाकर जी के सान्निध्य में श्री जैन संघ, विल्लीवक्कम की आयोजना में अमृत जैन भवन में आयोजित की गई। मुनिश्री ने बताया कि आचार्य तुलसी के अणुव्रत, जीवन-विज्ञान इत्यादि जनोपयोगी अवदानों से जैनाचार्य होते हुए भी वे जनाचार्य बन गए। मुनिश्री ने आचार्यश्री तुलसी के जीवन के पाँच कौशलोंµअध्यात्म कौशल, नेतृत्व कौशल, आचार कौशल, सम्यक्त्व कौशल और शिक्षा कौशल का उल्लेख करते हुए प्रेरणा दी।
मुनि नरेश कुमार जी ने कहा कि आचार्य तुलसी इतिहास पुरुष बन गए, उन्होंने अपना पूरा जीवन गण की सेवा में समर्पित किया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष एमजी बोथरा, तेयुप अध्यक्ष विकास कोठारी, अणुव्रत समिति सहमंत्री स्वरूपचंद दांती, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य प्यारेलाल पितलिया, तेरापंथी ट्रस्ट, मादावरम के प्रबंध न्यासी घीसूलाल बोहरा, टीपीएफ साउथ जोन के अध्यक्ष दिनेश धोखा, महिला मंडल से प्रीति बोहरा ने भी आचार्य तुलसी को अपने वक्तव्य, गीतिकाओं के माध्यम से भावांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन रेखा धोखा ने किया।