साध्वी प्रमुखा मिल्या संघ नै

साध्वी प्रमुखा मिल्या संघ नै

साध्वी मैत्रीप्रभा

म्हे तो गीत बधावां गावां हां।
साध्वी प्रमुखा मिल्या संघ ने, कोड पुरावां हां।

गुरुवर महाश्रमण रे युग में पुण्याई है जागी।
आप सरीखा प्रमुखा मिलग्या, म्हे सगला बड़भागी।

हुई घोषणा प्रमुखा-पद री, गण में खुशियां छाई।
सुण्यो नाम विश्रुत विभा रो, कलि-कलि मुस्काई।।

तविषलोक स्यूं तुलसी प्रभुवर, आशीर्वर बरसावै।
लखकर थांनै साध्वी प्रमुखा, महाप्रज्ञ मुलकावै।।

महासती सरदारांजी रे, पद री शान बढ़ावो।
शासन-माता रे सपनां में, नूतन रंग भराओ।।

महाश्रमण प्रभु अनुशासन में, गुंजे यश-शहनाई।
श्रमणी-गण ने खूब बढ़ावो, सुखकर घड़ियां आई।।

महासतिवर रै श्रीचरणां में, म्हे उपहार सजावां।
प्रमुखाश्रीजी रे इंगित पर, म्हारा प्राण चढ़ावां।।

कदम-कदम पर विजय वरीज्यो, मंगल भाव सुणावां।
जयवंतो ओ भैक्षव-शासन, आपां मोद् मनावां।।

लय: मीरां साधा रो संग-----