नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

साध्वी चांदकुमारी

पूज्य प्रवर ने नवनिर्वाचित साध्वी प्रमुखाश्री का चयन नई विधा से करवाया। काश! प्रत्यक्षदर्शी बनते। हे संघ शिरोमणी! हम आपश्री के चिरायु, दीर्घायु होने की मंगल कामना करते हैं। आपश्री स्वस्थ, निरामय रहते हुए पूज्यप्रवर की दृष्टि की आराधना करवाते हुए श्रमणीगण की सारणा-वारणा के द्वारा विकास के नये द्वार उद्घाटित करवायें। आपश्री की अप्रमतता, जागरुकता व समय प्रबंधन आदि विरल विशेषताएं संघ को हिमालय की ऊंचाईयां प्रदान करने वाली बने। हे श्रमणीगण श्रृंगार! आपश्री के नेतृत्व में हम साधना-आराधना करती हुई लक्ष्य की ओर बढ़ती रहें। मुझे सात्विक गौरव की अनुभूति हो रही है कि मेरी जन्मभूमि लाडनूं चन्देरी का यह तीसरा हीरा पूज्यप्रवर ने संघ के सामने प्रस्तुत किया है। मैं यही मंगलकामना करती हूं कि आप दीर्घकाल तक हमारा पथ प्रशस्त करती रहें व श्रमणीगण के विकास का नव इतिहास गढ़ती रहें।