नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

साध्वी मंगलप्रभा

हमें गौरव की अनुभूति हो रही है- लाडनूं की लाडली नौंवे साध्वीप्रमुखा के रूप में सुशोभित हो रही है। काश! इस समय मैं भी सरदारशहर की उस पुण्यस्थली पर आपका अभिनंदन करती। मैं बचपन से देख रही हूं- आप प्रतिभाशाली, व्यवहार कुशल एवं स्वभाव से मृदु हैं। गुरु के प्रति हमेशा से समर्पित रहे हैं। जप-तप, ध्यान की साधना में रमण करने वाली हैं। शासनमाता के द्वारा प्राप्त संस्कारों को आपने अपने जीवन में उतारा है। परम श्रद्धास्पद आचार्यश्री महाप्रज्ञ के सान्निध्य में आपने गहन ज्ञानार्जन किया है। मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है- ऐसी साध्वीप्रमुखा को पाकर। पुनश्चः साध्वी प्रमुखाश्रीजी के प्रति खूब-खूब मंगलकामना। आप स्वस्थ रहे, चिरायु बनें।