नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

साध्वी कीर्तिलता
पूज्यप्रवर के मुखारविंद से जैसे ही नवम साध्वी प्रमुखाश्रीजी के नाम की उद्घोषणा सुनी और उस मनमोहक दृश्य को निहारा, गंगाणे का कण-कण हर्ष विभोर हो गया। यह वही गंगाणा है, जहां अष्टम साध्वी प्रमुखाश्रीजी का मनोनयन हुआ, जिसकी स्मृतियां आज भी चार तीर्थ के मन मस्तिष्क पर उभर-उभर कर आ रही है। शाासनमाता के महाप्रयाण के बाद रिक्तता की अनुभूति हो रही थी। पूज्यप्रवर ने अपने 49 वें दीक्षा दिवस पर अनमोल गिफ्ट उपहिृत कर सम्पूर्ण साध्वी समाज को रोमा×िचत कर दिया। जिससे हमें अत्यधिक आत्मतोष की अनुभूति हो रही है, जिसे शब्दों में बयां करना असंभव है। हे!सती शेखरे! शक्ति पीठ की शांत रश्मियां आपके तन-मन को सराबोर करती रहे। शक्ति पीठ की अनन्त-अनन्त ऊर्जा आपको अभिस्नात करती रहे।