नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

साध्वी कमलप्रभा
काश! हम भी उस पुण्य पल के साक्षी होते, जब दूरद्रष्टा गुरुवर ने श्रमणीगण के शुभ भविष्य को नेतृत्व की चादर ओढाई और एक सर्वगुणसम्पन्न महनीय व्यक्तित्व को नवम् साध्वी प्रमुखा पद पर पदासीन कर उसकी महनीयता को और महान कर दिया। परम पावन पूज्य प्रवर ने जैसे ही नियुक्ति पत्र का वाचन किया, पूरे संघ में खुशियों की बहार आ गयी। हमारा मन बांसों उछलने लगा। आप जैसे सक्षम नेतृत्व को प्राप्त कर हम धन्य हो गये। गत दो माह से जो रिक्तता का अनुभव हो रहा था वह अब पूर्णता को प्राप्त हो गया। काश! हमारे भी पंख लग जाते और हम अपने हृदय की खुशियां आपके चरणों में प्रत्यक्ष उपहृत कर पाते।
आपके प्रति यही मंगलकामना करती हूं कि जैसे नौ का अंक अक्षय है, वैसे ही आपका ज्ञान, दर्शन, चारित्र अक्षुण्ण बना रहे। आपका तनुरत्न निरामय रहे। गुरुत्रय की कृपादृष्टि से जो अमृतपान आपने किया और कर रही हैं, उसका थोड़ा स्वाद हमें भी चखाती रहें। ऐसी कृपा करायें कि हम भी आपके नये रूप की शीघ्र ही साक्षात वर्धापना कर सकें। दीर्घकाल तक आपकी मृदु अनुशासना में हम साधना करते रहें। पुनश्य हृदय की अनंत गहराईयों से अभिवंदना! अभिवंदना! अभिवंदना!