नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार

साध्वी संयमलता

आज संपूर्ण धर्मसंघ युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के इस सफल मनोनयन की अभिवंदना करता है, जिन्होंने धर्मसंघ की दहलीज पर एक गुरुनिष्ठ, साधना संपन्न, प्रबुद्ध व युगीन साध्वी प्रमुखा को खड़ा किया। आप उतार-चढ़ावों की राह पर तटस्थ-मध्यस्थ रहने वाली अनुभव प्रवण साध्वी हैं। आज आप जैसी साध्वी प्रमुखा को पाकर गुरुदेवश्री साध्वी समाज की ओर से कुछ निश्चिंत बन गये हैं। आपश्री की नेतृत्व क्षमता ने तीनों आचार्यों का विश्वास अर्जित किया। समण-श्रेणी की प्रथम नियोजिका होने का गौरव आपने प्राप्त किया, पारमार्थिक शिक्षण संस्था व समण श्रेणी का कुशलतापूर्वक संचालन किया। आज संपूर्ण धर्मसंघ आप जैसी धैर्यसंपन्न साध्वी प्रमुखा को पाकर खुशी, आह्लाद व प्रसन्नता से सराबोर हो गया है।