महिला मंडल के विविध आयोजन

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महिला मंडल के विविध आयोजन

हैदराबाद
अभातेममं के निर्देशानुसार तेरापंथी महिला मंडल के तत्त्वावधान में गन रॉक स्थित कर्मविला में करणी सिंह बरड़िया के निवास स्थान पर आचार्यश्री तुलसी का 26वाँ महाप्रयाण दिवस साध्वी त्रिशला कुमारी जी के सान्निध्य में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई। मंगलाचरण मंडल की बहनों ने तुलसी अष्टकम का संगान किया। साध्वी रश्मिप्रभाजी ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने कहा कि पहले धर्मसंघ केवल सीमित क्षेत्र में था। गुरुदेव तुलसी की सोच ने केवल राजस्थान में ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत और विदेशों में भी तेरापंथ धर्म की अनुगूँज की। अपने समय में अपने ही हाथों से अपने पद का विसर्जन करना यह एक विलक्षण कार्य है। गुरुदेव तुलसी ने साध्वी शिक्षा पर भी अत्यधिक जोर दिया। साध्वियों की संख्या बढ़ी उसके साथ उनकी गुणवत्ता भी बढ़नी चाहिए, उनका मानना था और आचार्य पद पर आते ही उन्होंने उनकी शिक्षा का कार्य अपने हाथ में ले लिया।
साध्वी कल्पयशाजी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी एक ऐसे व्यक्ति का नाम है जो स्वप्नदृष्टा थे, हर व्यक्ति अपने जीवन में स्पप्न देखता है, पर हर व्यक्ति रात्रि में सोते हुए स्वप्न देखता है लेकिन आचार्य तुलसी एक ऐसे स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने जागती आँखों से, खुली आँखों से स्वप्न देखा और अपने हर सपने को साकार किया। आज तेरापंथ धर्मसंघ में अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन-विज्ञान जैसी अनेक प्रवृत्तियाँ चल रही हैं और यह सारी आचार्य तुलसी की देन है। अध्यक्ष अनीता गीड़िया ने सभी का स्वागत किया और गणाधिपति गुरुदेव के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साध्वी त्रिशला कुमारी जी, साध्वी कल्पयशाजी एवं साध्वी रश्मिप्रभाजी ने आचार्यश्री तुलसी महाप्रयाण दिवस पर गीतिका का संगान किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बाबूलाल बैद और करणी सिंह बरड़िया ने महिला मंडल को शुभकामनाएँ दी। मंत्री श्वेता सेठिया ने सभी का आभार ज्ञापित किया।