साध्वी कल्याणमित्रा जी का देवलोकगमन

साध्वी कल्याणमित्रा जी का देवलोकगमन

बीदासर
साध्वी कल्याणमित्रा जी का बीदासर में 23 मई, 2022 को प्रातः 11ः55 बजे देवलोकगमन हो गया। आपका जन्म वि0सं0 2015 मृगसर कृष्णा 3 को माता इमरती देवी, पिता नेमीचंद के घर एक कन्या का जन्म हुआ। आपका गोत्र सुराणा (ओसवाल) था। वैराग्य भावना: साध्वी कलाश्री जी (सुजानगढ़) की प्रेरणा से संयम लेने की भावना हुई, फिर आप लगभग साढ़े तीन साल पारमार्थिक शिक्षण संस्था में साधनाभ्यास व शिक्षा प्राप्त की। संस्था में आपका नाम कनककुमारी था। आपने जैन विद्या स्नातक तृतीय वर्ष का अध्ययन किया। दीक्षा: मुमुक्षु कनककुमारी ने लगभग 19 वर्ष की अविवाहित वय में संवत् 2034 माघ शुक्ला 5 (12-2-78) को आचार्यश्री तुलसी द्वारा सुजानगढ़ में दीक्षा ग्रहण की। दीक्षा होने के बाद आपका नाम साध्वी कल्याणमित्रा रखा गया।
दीक्षा के बाद आप साध्वी संतोकांजी (लाडनूूं), साध्वी आशाजी (राजलदेसर), साध्वी मानकंवर जी (सुजानगढ़) के साथ रही। संवत् 2056 से साध्वी कलाश्री जी (सुजानगढ़) के साथ रही।
कंठस्थ ज्ञान: दशवैकालिक, जैन तत्त्व प्रवेश, लघुदंडक, भक्तामर, कल्याणमंदिर, सिंदूरप्रकरण, शांतसुधारस, जैन सिद्धांत दीपिका, कर्तव्यषट्त्रिंशिका, चौबीसी, आराधना, आचार बोध, विचारबोध, व्यवहारबोध, तेरापंथ प्रबोध आदि कंठस्थ थे।