मंत्र साधना से होता है विघ्नों का निवारण

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मंत्र साधना से होता है विघ्नों का निवारण

ट्रिप्लीकेन, चेन्नई
तेरापंथ सभा में अनुष्ठानकर्ता श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि जिनशासन की नीवों को सशक्त और शक्ति संपन्न बनाने में प्रभावक मंत्रों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही हैं अनेक प्रभावक साधना मंत्रों में विशिष्ट स्थान है पैंसठिया छंद एवं यंत्र का। प्राचीन आचार्यों के अनुसार पैंसठिया यंत्र सुख एवं सौभाग्य प्रदायक है। अनेक साधक सविधि इसकी साधना करते हैं। वर्द्धमान संख्या के साथ इसका पाठ किया जाता है। यंत्र साधकों को कम से कम 31 बार इसका उच्चारण करना चाहिए। जप के साथ तप का संयोग विशिष्ट फलदायी बनता है। साध्वीश्री जी ने कहा कि कहीं से भी गुणन करने से संख्या पैंसठ होती है, इसलिए इस छंद को पैंसठिया कहा जाता है। इस छंद की स्तुति प्रतिदिन करनी चाहिए।