आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 102वें जन्म दिवस समारोह के आयोजन - अध्यात्म के महासूर्य थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 102वें जन्म दिवस समारोह के आयोजन - अध्यात्म के महासूर्य थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ

मानसरोवर, सिकंदराबाद

शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के दशम अधिशास्ता आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 102वाँ जन्म दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कन्या मंडल की बहनों के संगान से हुआ। शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी ने कहा कि बीसवीं सदी में जन्म लेने वाला एक मूर्धन्य व्यक्‍तित्व हैआचार्य महाप्रज्ञ। उनका जीवन अनेक विशेषताओं का समवाय था। वे विश्‍व के महान संत, ॠतंभरा प्रज्ञा के धनी, उच्च कोटि के दार्शनिक, महान साहित्य-स्रष्टा और युगीन समस्याओं के समाधायक पुरुष थे।
मानसरोवर महिला मंडल ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी मार्दवयश जी ने अपने वक्‍तव्य के माध्यम से भावों की प्रस्तुति दी। उपाध्यक्ष सरला जैन ने कविता की प्रस्तुति दी। साध्वी धवलप्रभा जी ने कविता के माध्यम से भावाव्यिक्‍ति दी। केसरीमल छाजेड़ ने अपने जीवंत प्रेरक प्रसंग बताए। हैदराबाद, महिला मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी मधुरयशा जी ने आचार्य महाप्रज्ञजी के जीवन पर प्रकाश डाला। रेणु बैंगानी, पूर्व अध्यक्ष सरल सुराना, युवक परिषद के उपाध्यक्ष प्रकाश बोथरा, ज्ञानशाला की आंचलिक प्रभारी, अंजु बैद, टीपीएफ के कोषाध्यक्ष पंकज संचेती, प्रीति नाहटा और सुमधुर गायक नवनीत और नवीन छाजेड़ ने गीत की प्रस्तुति दी। रेणु बैंगानी ने अपने विचार व्यक्‍त किए। साध्वी श्‍वेतप्रभा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया।