साध्वीप्रमुखा मनोनयन के अवसर पर हृदयोद्गार

साध्वीप्रमुखा मनोनयन के अवसर पर हृदयोद्गार

अमृत की बूंदे बरसी मोती से भर गया सागर
पा महाश्रमण आशीर्वर
झिगमिग ज्योति से ज्योतित है देखो सारा अम्बर।।ध्रुव।।

फूल-फूल पर दौड़-दौड़ कर भंवरे करते गुंजन
तेरे शुभ चरणों को छूकर, धूली बनती चंदन
तेरी पावन आभा देखे, सूरज भी जी भर-भर।

नभ से उतरी शाम सलोनी, कुंकुम रंग बिछाए
डाल-डाल पर बैठी बुलबुल, गीत सुरंगे गाए
खूब बधाएं प्रमुखाश्री को, चंदा तारे मिलकर।

युगों-युगों तक रहो चिरायु, वर्णातीत हो जीवन
चयन दिवस पर सरस्वती का लो वंदन अभिनंदन
तेरे यश का ध्वज लहराए, देखो सात समन्दर
महाप्रज्ञ की अनुपम कøति का गौरव फैला घर-घर।

तर्ज- जहां डाल-डाल पर---