साध्वी विश्रुतविभा बौद्धिकता एवं विनम्रता की प्रतिमूर्ति

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साध्वी विश्रुतविभा बौद्धिकता एवं विनम्रता की प्रतिमूर्ति

साध्वीप्रमुखाश्री के मनोनयन पर

नोखा।
तेरापंथ धर्मसंघ की 9वीं साध्वीप्रमुखा का चयन युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण ने करके धर्मसंघ को निश्चिंत बना दिया है। 550 से अधिक साध्वियों के ऊपर प्रथम कोटि की विलक्षण साध्वीप्रमुखा पाकर हम सब कृत्य-कृत्य हैं। इनकी बौद्धिक क्षमता, विनम्रता, गुरुदृष्टि, आराधक, समर्पण, मिलनसारिता, सारणा, वारणां बेजोड़ है। यह उदृगार शासन गौरव साध्वी राजीमती जी ने प्रमुखा पद वर्धापना समारोह में कहे।
तेरापंथ महिला मंडल, तेयुप एवं किशोर मंडल ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया।
तेरापंथी सभा मंत्री लाभचंद छाजेड़, अनुराग बैद, उपाध्यक्ष इंदरचंद बैद, सुनील बैद, साध्वी पुलकितयशाजी, साध्वी कुसुमप्रभाजी ने प्रमुखा साध्वी विश्रुतविभाजी को तुलसी, महाप्रज्ञ और महाश्रमण की कृति बताते हुए भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन अनुराग बैद ने किया।