विनम्रता एवं विद्वत्ता की प्रतिमूर्ति है - साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा

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विनम्रता एवं विद्वत्ता की प्रतिमूर्ति है - साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा

चेन्नई।
मुनि सुधाकरजी एवं मुनि नरेश कुमार जी के सान्निध्य में पुखराज बड़ोला, के निवास स्थल पर नवमनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी का वर्धापन, अभ्यर्थना समारोह का आयोजन किया गया। मुनि सुधाकर जी ने कहा कि साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा का विनम्रता, सहनशीलता, उदारता, गंभीरता, सौम्यता, सरलता, सहजता, अद्भुत, अप्रतिम है। उनकी विद्वत्ता को आचार्य महाप्रज्ञ वाङ्मय के माध्यम से देखा जा सकता है। गुरु के प्रति उनका समर्पण दूसरों के लिए भी प्रेरणा का माध्यम है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उनका चिंतन प्रखर, प्रवीण व हितकारी है। मुनि नरेश कुमार जी ने कहा कि साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी साध्वी समाज के लिए आदर्श हैं, वे विनम्रता की प्रतिमूर्ति हैं। हम मंगलकामना करते हैं कि उनका नेतृत्व साध्वी समाज में एवं संघ में नव कीर्तिमान की स्थापना करेगा।

इस अवसर पर तेरापंथ सभा सहमंत्री विकास सेठिया, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा पुष्पा हिरण, तेरापंथ सभा, माधावरम ट्रस्ट के अध्यक्ष घीसूलाल बोहरा, अणुव्रत समिति मंत्री अरिहंत बोथरा, तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष विकास कोठारी, पुखराज बड़ौला आदि ने विचार रखे। मंगलाचरण तेममं ने किया।