वर्षीतप अभिनंदन समारोह

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वर्षीतप अभिनंदन समारोह

गंगाशहर।
तेरापंथी सभा द्वारा वर्षीतप अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। सेवाकेंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कीर्तिलताजी ने कहा कि जिस प्रकार एक बीज प्रस्फुटित व पल्लवित होकर विशाल वृक्ष बन जाता है, उसी प्रकार छोटा सा तप भी मोक्ष रूपी महान मंजिल तक पहुँचाने का कार्य करता है। साध्वी लावण्ययशाजी ने कथानक के माध्यम से आहार की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि तप करना बहुत कठिन कार्य है। वर्तमान भौतिक युग में तो तप आश्चर्य है। वर्षीतप करने वाले ये तपस्वी धन्य हैं तो तप के द्वारा कर्म निर्जरा तो कर ही रहे हैं।
साध्वी सोमश्री जी ने सभी तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए तप को मोक्ष का सुगम मार्ग बताया। तेरापंथी सभा के मंत्री रतनलाल छल्लाणी ने बताया कि इस वर्ष गंगाशहर में 9 श्राविकाओं, 4 श्रावकों के साथ-साथ मुनि श्रेयांस कुमार जी तथा साध्वी शुक्लप्रभाजी व साध्वी पूनमप्रभाजी के भी वर्षीतप चल रहे हैं। वर्षीतप करने वालों में 34वाँ वर्षीतप करने वाली गवरादेवी सेठिया भी शामिल हैं, तो पहला-दूसरा वर्षीतप करने वाले भी तपस्वी हैं।
समारोह का शुभारंभ कोमल पुगलिया द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। तेरापंथी सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी, तेयुप के मंत्री देवेंद्र डागा, तेममं से बिंदु छाजेड़, छाजेड़ परिवार से तेरापंथी महासभा संरक्षक लूणकरण छाजेड़, मुमुक्षु कीर्ति, मनोज देवी गंग, प्रेक्षा गौलछा, अंकित सेठिया, करणीदान रांका, नीतू बोथरा, श्रेयांस व अनुपम ने तपस्वियों के प्रति अनुमोदना करते हुए उद्गार व्यक्त किए। सामसुखा परिवार, छाजेड़ परिवार, चोपड़ा परिवार तथा बुच्चा परिवार की तरफ से गीतिका का संगान कर तप अनुमोदना की गई। जैन लूणकरण छाजेड़, सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी, उपाध्यक्ष नवरतन बोथरा, तेयुप अध्यक्ष विजेंद्र छाजेड़, मंत्री देवेंद्र डागा, मनोहर नाहटा, सतीश चोपड़ा, जीवराज सामसुखा ने तपस्वियों को साहित्य तथा सम्मान पत्र द्वारा सम्मानित किया।