हे युगप्रधान गुरुराज

हे युगप्रधान गुरुराज

हे युगप्रधान गुरुराज
शासनमाता का उपहार है।
तुमसे जाग उठा संसार है।।

करुणा भरी छलाछल, जो बहती है हरपल अनगिन स्त्रोत है।
भीगे है तनमन, पुलकित है जनजन, भवसिंधु पोत है।
हो-हो चरणों में तेरे, अर्पित जीवन की हर साँस है,
बस तेरा ही आधार है।
हे युगप्रधान गुरुराज---

हे अध्यात्म शिरोमणी, हम सबके मुकुटमणी, गणिवर की अभिवंदना।
वरदायिनी मुद्रा, तोड़े मोहनिद्रा जागृत स्पंदना।
हो-हो मंदमंद मुस्कान, जिसमें छिपा हुआ विज्ञान है,
तेरी महिमा अपरंपार है।।

हे युगप्रधान गुरुराज---