युगदृष्टा है आचार्यश्री महाश्रमणजी

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युगदृष्टा है आचार्यश्री महाश्रमणजी

विशाखापट्टनम्।
भैरव टॉवर के हॉल में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में आचार्यश्री महाश्रमण जी का षष्ठिपूर्ति, युगप्रधान आचार्य वर्धापना एवं दीक्षा दिवस समारोह का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद द्वारा किया गया। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी ने जीवन के सातवें दशक में प्रवेश किया है। इस उम्र में भी युवा से भी अधिक सक्षम हैं। अद्भुत शक्ति और तेजस्विता लिए हुए हैं। वे अवस्था से प्रभावित नहीं हैं। लगता है आचार्यश्री चिरयुवा हैं। स्फूर्ति, प्रफुल्लता आचार्यश्री की अद्भुत है। कठोर पुरुषार्थी हैं। बालमुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी मेरे दीक्षा गुरु हैं। वे करुणा सागर हैं। उनके बताए मार्गदर्शन के अनुसार हमें आगे बढ़ना है।
कार्यक्रम में मंगलाचरण महिला मंडल की बहनों ने किया। तेयुप अध्यक्ष ऋषभ सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा वंदना विनायकिया ने विचार व्यक्त किए। ज्ञानशाला के बच्चे कुणाल नाहटा एवं गर्व बरड़िया ने संवाद प्रस्तुत किया। प्रज्ञा जैन ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन विमल कुंडलिया ने किया।