अर्हम

अर्हम

साध्वीप्रमुखा मनोनयन, कर दीन्हो गुरु महाश्रमण।
मन हरसै हो म्हारां मन हरसै, आज बधावां सा।।

भैक्षव गण में अभिनव पुलकन, श्रमणीगण करता वर्धापन।
रंग बरसै हो संघ में रंग बरसै, आज बधावां सा।।

नयो नजारो नई तरंगा, मनोनयन री नई उमंगा।
खुशियाँ नभ फरसै हो आज, नभ फरसै, आज बधावां सा।।

अभिनंदन अभिवंदन करतां श्रमणी गा रा भाग्य है खिलता।
इमरत बरसै हो आज इमरत बरसै, आज बधावां सा।।

साध्वीप्रमुखा पद ओ दीपै, नौवीं साध्वीप्रमुखा हद ओपै।
दिल, सरसै हो म्हारां दिल सरसै, आज बधावां सा।।

रहो निरामय सतीशेखरा, शुभ कामना म्हें आज करां।
हियो हरसै हो म्हारो हियो हरसै, आज बधावां सा।।

जुग-जुग जीओ साध्वीप्रमुखा, जग में विश्रुत विश्रुत विभा।
दर्शन नै मन तरसै हो म्हारो मन तरसै, आज बधावां सा।।