रूपांतरण शिल्पशाला कार्यशाला

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रूपांतरण शिल्पशाला कार्यशाला

भुवनेश्वर।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल ने उत्कल रॉय स्थित कनीका महाराजा के बंगले पर रूपांतरण शिल्पशाला कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि आत्मा धर्म की साधना में ध्यान का वैसा ही मूल्य है जैसे की शरीर में मस्तक तथा वृक्ष के लिए उसकी जड़ का मूल्य है। ध्यान साधना की जीवन की सफलता का अमोघ उपाय है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि अभाव पर ध्यान देना आर्तध्यान है जो जैसा नहीं है, वैसा जताना या बनावटी जीवन जीने की कोशिश करना क्रूर हिंसा का भाव रखना रौद्र ध्यान है। मुनिश्री ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए। मुनि कुणाल कुमार जी के मंगल गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा मधु गीड़िया ने विचार रखे। तेममं ने प्रेक्षाध्यान गीत प्रस्तुत किया। आभार तेममं की मंत्री रश्मि बेताला व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।