शासनश्री साध्वी जयप्रभा जी के प्रति आध्यात्मिक उद्गार

शासनश्री साध्वी जयप्रभा जी के प्रति आध्यात्मिक उद्गार

अर्हम्

‘शासनश्री’ मुनि विजय कुमार

साध्वीश्री जयप्रभाजी इतिहास बणायो थे।
अनशन कर संयम जीवन पर कलश चढ़ायो थे॥

भगिनी चतुष्क सह भतीजी री ख्यात बणी भारी।
डूंगरगढ़ चोरड़िया कुल रो मान बढ़ायो थे, अनशन॥1॥

है सहज सरल निश्छल दिल व्यवहार कुशल सतिवर।
विचरण भी कर्यो जठै ही अति आदर पायो थे, अनशन॥2॥

शासनश्री रे खिताब स्यूं गण में शोभा पाई।
तन री ज्यूं ममता त्यागी जीवन चमकायो थे, अनशन॥3॥

बढ़ता-चढ़ता भावां स्यूं अपणी मंजिल पाओ।
संथारो स्वीकृत करके आदर्श दिखायो थे, अनशन॥4॥

लय : प्रभु पार्श्‍वदेव चरणो में शत-शत प्रणाम हो---

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