अध्यात्म की गंगा में अभिस्नात हुए श्रद्धालु

संस्थाएं

अध्यात्म की गंगा में अभिस्नात हुए श्रद्धालु

बांद्रा (मुंबई)।
साध्वी निर्वाणश्री जी का बांद्रा का प्रवास अध्यात्म से ओत-प्रोत रहा। साध्वीश्री जी के शुभागमन से श्रद्धालु भाव विहार हो गए। प्रथम दिवस का प्रवास जितेंद्र परमार के आवास पर रहा। पूरे परिवार ने अत्यंत उल्लास के साथ इस प्रवास का लाभ लिया। साध्वीश्री जी ने स्वागत के प्रत्युत्तर में कहा कि हम पूज्य गुरुदेव का पावन संदेश लेकर आपके मध्य आए हैं। जीवन में पवित्रता, सहजता, श्रमशीलता व नैतिकता की चतुष्पदी हो तो जीवन धन्य हो जाता है। अभातेयुप के प्रकाशन प्रभारी जितेंद्र परमार ने साध्वीवृंद का स्वागत किया।
रूपांतरण की शिल्पशाला: अभातेममं निर्देशित मासिक कार्यशाला ‘रूपांतरण’ के अंतर्गत ‘ध्यान’ विषय पर शिल्पशाला समायोजन हुई। साध्वी निर्वाणश्री जी ने ध्यान के भेद-उपभेद बताते हुए प्रशस्त ध्यान से जुड़ने की विधि समझाई। साध्वी लावण्यप्रभाजी ने ध्यान से संबद्ध प्रेरणा गीत का संगान किया। बांद्रा महिला मंडल से भारती धाकर एवं कविता चपलोत ने स्वागत व आभार प्रकट किया।
कन्याओं को प्रेरणा
स्थानीय कन्याओं को विशेष प्रेरणा देते हुए साध्सवी डॉ0 योगक्षेमप्रभाजी ने जीवन को सुखी बनाने के सूत्रों पर चर्चा की। संतुलित जीवनशैली के लिए अध्यात्म की अपेक्षा प्रकट की। साध्वी निर्वाणश्री जी ने आत्म-प्रतिलेखना की आगमिक जानकारी दी। साध्वी कंदनयशाजी, साध्वी मुदितप्रभाजी व साध्वी लावण्यप्रभाजी ने यथावसर सबको ‘उत्कर्ष’ हेतु प्रेरणा दी।
साध्वीश्री के त्रिदिवसीय प्रवास की सफलता में जैन भिक्षु फाउंडेशन के अध्यक्ष मदन चपलोत, मंत्री मुकेश नौलखा, तेयुप के राजेश परमार, मंत्री अशोक नौलखा, तेममं बांद्रा, ज्ञानशाला व कन्या मंडल आदि का सहयोग रहा।