आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन

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आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन

होसकोटे, बैंगलोर
मुनि अर्हत कुमार जी का बैंगलुरु में रामनवमी एवं तेरापंथ के प्रवर्तक आचार्य भिक्षु के अभिनिष्क्रमण दिवस पर प्रवेश हुआ। मुनिश्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संतों का योग व उनका सान्निध्य प्राप्त होना भाग्य नहीं सौभाग्य का सूचक है। उन्होंने कहा आचार्य भिक्षु मर्यादा के शिखर पुरुष थे। जिन्होंने कभी मर्यादाओं से समझौता नहीं किया। उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी है कि विकट से विकट परिस्थितियों में भी हम मर्यादा में बने रहें।
मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि भगवान राम की मर्यादा, आचार्य भिक्षु का त्याग, संयम सत्य मुनि अर्हत कमार जी का संयम इस त्रिवेणी से हम अपनी आत्मा की चेतना को उजागर कर सकते हैं। मुनि जयदीप कुमार जी ने कहा कि हमें भीतर की क्रांति कर अंतरस मौजूद परम शांति को प्राप्त करना है। आचार्य भिक्षु ने जो हमारे लिए रास्ता प्रशस्त किया है उसी पर हमें अभिराम बढ़ते रहना है। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। होसकोटे सभाध्यक्ष इंद्रचंद धोका ने स्वागत वक्तव्य दिया। बैंगलोर सभा अध्यक्ष सुरेश दक ने अपना वक्तव्य दिया। तेयुप भजन मंडली प्रज्ञा सगीत सुधा व महिला मंडल, गांधीनगर ने भति गीत का संगान किया। राजाजीनगर सभा अध्यक्ष शांतिलाल पितलिया, महिला मंडल अध्यक्षा स्वर्णमाला पोखरणा, तेयुप अध्यक्ष विनय बैद, अणुव्रत महासमिति सहमंत्री कन्हैयालाल चिप्पड़, टीपीएफ प्रधान ट्रस्टी माणक बलदोटा ने भी वक्तव्य दिया।
इस अवसर पर अभयराज कोठारी, महावीर धोका सहित अनेक गणमान्यजन, बैंगलोर, होसकोटे, केजीएफ व अनेक क्षेत्रों से श्रावक-श्राविका उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन धर्मीचंद धोका व नवनीत मूथा ने किया।