रूपांतरण शिल्पशाला लेश्या कार्यशाला का आयोजन

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रूपांतरण शिल्पशाला लेश्या कार्यशाला का आयोजन

चेन्नई।
अभातेममं के तत्त्वावधान में तेममं की आयोजना में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में रूपांतरण शिल्पशाला लेश्या कार्यशाला नार्थ टाउन में आयोजित की गई। कार्यशाला की शुरुआत साध्वीश्री जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुई। महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। अध्यक्षा पुष्पा हिरण ने सभी का स्वागत किया।
साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि लेश्या से पहले आत्मा को समझना आवश्यक है। उत्तराध्यायन सूत्र के 34वें अध्ययन में लेश्या पर विशेष जानकारी दी गई है। स्पर्श, रस, गंध, वर्ण होते हैं रंगों के बिना जीवन नहीं होता।
साध्वी डॉ0 राजुलप्रभाजी ने कहा कि जीवन विकास के लिए रंगों का विशेष प्रभाव होता है। स्वप्न के आधार पर भी रंग के द्वारा व्यक्तित्व को पढ़ा जा सकता है। साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने पुरानी ढाल का पुनरावर्तन करवाया। चंचल डागा ने जामुन के पेड़ की कहानी के माध्यम से कार्यक्रम की प्रस्तुति का संचालन किया। वसंता बाबेल ने चैतन्य केंद्र पर नमस्कार महामंत्र के रंगों का महत्त्व बताया।
कार्यक्रम में अभातेममं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या माला कातरेला की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन मंत्री रीमा सिंघवी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन राजेश्वरी रांका ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महिला मंडल की बहनों के साथ नोर्थ टाउन की बहनों का भी विशेष सहयोग रहा।