20वीं सदी के देदीप्यमान दीवाकर थे आचार्य तुलसी

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20वीं सदी के देदीप्यमान दीवाकर थे आचार्य तुलसी

चेन्‍नई

साध्वी अणिमाश्री जी के सान्‍निध्य में आचार्यश्री महाश्रमण पब्लिक स्कूल के प्रांगण में गुरुदेव श्री तुलसी का 25वाँ महाप्रयाण दिवस आयोजित हुआ। श्रद्धालु तुलसी भक्‍तों ने अपनी आस्था के राम गुरुदेव तुलसी को भावांजलि समर्पित की।
साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि तेजस्विता, तपस्विता, ओजस्विता, वर्चस्विता और उत्कर्षता के अपार पर्याय का नाम हैगुरुदेव तुलसी। जिन्होंने तेरापंथ की तेजस्विता, जिनशासन की यशस्विता, धार्मिक जगत की वर्चस्विता एवं मानवमात्र की उत्कर्षता के लिए अपने समय, श्रम व शक्‍ति का नियोजन किया। वे 20वीं सदी के युगनायक, युगद‍ृष्टा व युगपुरुष थे।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि आचार्य तुलसी विलक्षण व्यक्‍तित्व के धनी थे। उन्होंने जीवन भर व्यक्‍ति निर्माण की दिशा में काम किया और अपने सृजनशील हाथों से अनेक व्यक्‍तियों को तैयार किया।
साध्वी कर्णिकाश्री ने कहा कि आचार्य तुलसी उत्कृष्ट कोटि के साहित्यकार थे। उनका साहित्य सबको बोध प्रदान कर रहा है। साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा कि करिश्माई व्यतित्व के धनी आचार्य तुलसी जिन गलियारों से गुजरे, वहाँ मानवीय विश्‍वास की ज्योतिर्मय किरणें बिछ गई। उनकी दिव्य चेतना आज भी जन-जन के भीतर दिव्य ऊर्जा का संचार कर रही है। साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर स्वरलहरी का संगान कर परिषद को तुलसीमय बना दिया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
तेरापंथ सभाध्यक्ष विमल चिप्पड़, तेयुप अध्यक्ष रमेश डागा, महिला मंडल अध्यक्षा शांति दुधोड़िया, स्कूल के चेयरमैन प्यारेलाल पीतलिया, थली परिषद के अध्यक्ष राकेश खटेड़ ने भक्‍तिमय भावों के साथ गुरुदेव तुलसी को श्रद्धा का अर्घ्य समर्पित किया। महिला मंडल, चेन्‍नई की बहनों ने गीतिका एवं संगीता बाफना ने मंगल संगान किया।
माधावरम् ज्ञानशाला के बच्चों ने साध्वी अणिमाश्री जी द्वारा रचित गीत की सुंदर व आकर्षक प्रस्तुति दी। कविता मेड़तवाल व सुमित्रा सुराणा ने अच्छा श्रम किया। आचार्य तुलसी तुलसी को चेन्‍नई समाज ने तप-जप के साथ साध्वीश्री जी की प्रेरणा से श्रद्धांजलि अर्पित की। तेरह घंटे का अखंड जप एवं लगभग चार सौ भाई-बहनों ने उपवास व एकासन कर गुरुदेव तुलसी को जप व तप की भेंट चढ़ाई।