हो सतिवर!

हो सतिवर!

हो सतिवर!

मुनि जिनेश कुमार

सतिवर! जुग-जुग रहोला गण में गाजता।
सुण सुरंगा री बातां हुयो नहीं विश्वास।।ध्रुव।।

सतिवर! चंदन बाला ज्यू गण में ओ पता।
थास्यूं सतियां पायो पूनम रो उजास।। हो सतिवर।

सतिवर! भैक्षवशासन दीपायो सांतरों,
घोरी गरिमा महिमा जग में अपरंपार।। हो सतिवर!
शासनमाता ने पा संघ हुयो गुलजार।। हो सतिवर---

सतिवर! नारी उत्थान कियो थे संघ में आभारी,
नर नारी करसी थांरो जाप।। हो सतिवर।

सतिवर! पंचामृत थारी ऊँची साधना,
थांरी सन्निधि स्यूं धुल जाता सब पाप।। हो सतिवर।

सतिवर! लक्ष्मी माँ सरस्वती रा रूप हा,
थोरी लेखन शैली शासन में सिणगार।। हो सतिवर।

सतिवर! संयम जीवन हो लम्बो आपरो,
साध्वीप्रमुखा पद पर अर्धसदी सुखकार।। हो सतिवर।

सतिवर! मंगलमय मनडे री है भावना,
स्वर्गा बैठा-बैठा करज्यो संघ री सेव।। हो सतिवर।

सतिवर! जयवंतो फलतों शासण आपणो,
ध्यान रखावै गण रो महाश्रमण स्वमेव।। हो सतिवर---