अमूल्य निधि थी साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी

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अमूल्य निधि थी साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी

नोखा।
तेरापंथ धर्मसंघ की महान, विरल विभूति, महाश्रमणी साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी का 81 वर्ष की अवस्था में महाप्रयाण हो गया। उनकी स्मृति सभा तेरापंथ भवन, नोखा में मुनि डॉ0 अमृत कुमार जी एवं शासनगौरव साध्वी राजीमती जी के सान्निध्य में आयोजित की गई।
साध्वी राजीमती जी ने प्रमुखाश्रीजी को विलक्षण एवं सिद्धिप्राप्त अद्वितीय शासनमाता वात्सल्य की प्रतिमूर्ति सेवा भावना से ओत-प्रोत महानत्तम लेखिका बताया। साध्वी ललितकला जी, साध्वी पुलकितयशा जी, साध्वी समृद्धिप्रभाजी, साध्वी योगप्रभाजी, साध्वी कुसुमप्रभाजी, साध्वी पल्लवप्रभाजी, साध्वी प्रभातप्रभाजी, साध्वी समताश्री जी ने महाश्रमणी कनकप्रभाजी के प्रति श्रद्धाभाव रखते हुए अपने जीवन के संस्मरण सुनाए।
मुनि डॉ0 अमृत कुमार जी, मुनि निकुंज कुमार जी, मुनि उपसम जी, मुनि मार्दव कुमार जी ने महाश्रमणी कनकप्रभाजी को अमूल्य निधि एवं संयम, साधना, सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति परिश्रमी कालजयी व्यक्तित्व बताया।
विधायक बिहारीलाल ने कहा कि शासनमाता सबकी माँ ममता की मूरत थी। साध्वीप्रमुखाश्री जी को श्रद्धा समर्पित की। नगरपालिका अध्यक्ष नारायण झंवर ने तेरापंथ मर्यादा अनुशासन का महा धर्मसंघ बताया। साध्वीप्रमुखा के प्रति श्रद्धा भाव रखे।
शासनसेवी डॉ0 प्रेमसुख मरोठी, डॉ0 धीरज मरोठी, उपाध्यक्ष निर्मल भूरा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष हनुमानमल ललवाणी, मंत्री इंद्रचंद बैद, डॉ0 महेंद्र संचेती, जैन सोसायटी अध्यक्ष शिखरचंद पींचा, समाजसेवी राजेंद्र सिंह राठौड़, गोपाल लूणावत, महिला मंडल अध्यक्षा मंजू बैद, कन्या मंडल संयोजिका पूजा लोढ़ा, उपासक अनुराग बैद, सुनील बैद आदि वक्ताओं ने सध्वीप्रमुखा कनकप्रभा जी के प्रति श्रद्धासिक्त भाव, संस्मरण, विचार रखे। संचालन सभा के महामंत्री सुनील बैद ने किया।