मुझे सब है पता

मुझे सब है पता

मुझे सब है पता

साध्वी कमनीयप्रभा

राज है, हर दिल में तेरा
अमर बन गई तुम माँ
हर जुबाँ, हर बोल में हो,
नयनों की तस्वीर हो तुम माँ
हम करते नमन, तुमको माँ।

एक सुर, एक तान उठे
हर मन की जरूरत हो तुम माँ
विश्वास भी आश्वास तुम्हीं
जीवन की प्यास हो तुम माँ।

जब भी कभी, मन प्रांगण में
तुम उतरती हो माँ
नव चेतना, नव प्रेरणा,
नव पुलकन भरती हो माँ।

सपना हम, साकार करें,
श्रेष्ठ साध्वी बन दिखलाएँ
संस्कारों, का वर दो हमें
तेरी राह चल पाएँ माँ।

सींचा है, वत्सलता भरे
ममता भर कर से तुने माँ
शक्ति दो, कलियाँ ये तेरी
आगे बढ़ती ही जाए माँ
हम करते नमन, तुमको माँ।