ज्ञान से ज्यादा आचरण का महत्त्व होता है: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

ज्ञान से ज्यादा आचरण का महत्त्व होता है: आचार्यश्री महाश्रमण

ओसवाल भवन, 25 मार्च, 2022
जैन जगत के उज्ज्वल नक्षत्र आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि ज्ञान जीवन में एक प्रकार की ज्योति है। ज्ञान का विकास करना चाहिए। दुनिया में अनेक विद्याएँ हैं, पर अध्यात्म विद्या का भी अपना महत्त्व है। धर्म, कर्म, अहिंसा, संयम आदि की जानकारी आम आदमी व विद्यार्थियों को मिले।
अध्यात्म का आदमी को ज्ञान होता है तो आत्मा के कल्याण की दृष्टि से आदमी कुछ प्रयास कर सकता है। ज्ञान होने के बाद भी आदमी आचरण न करे तो कमी तो है, पर ज्ञान हो गया तो आधा काम तो हो गया। ज्ञान के बाद आचार भी आदमी का अच्छा होना चाहिए। आचरण गलत है तो भी बड़ी कमी है, यह एक प्रसंग से समझाया कि ज्ञान से ज्यादा आचरण का महत्त्व होता है।
आचरण अच्छा नहीं है, तो समाज में प्रतिष्ठा कम होगी। हमारे जीवन में अणुव्रत, नैतिकता आदि अच्छे संस्कार हों, तो हमारा व्यवहार अच्छा रह सकेगा। राजनीति का क्षेत्र हो या धर्मनीति का क्षेत्र यह सच्चाई, ईमानदारी, सद्संस्कार हर जगह काम की चीज है। अच्छा विकास हो सकता है। समाज और धर्म के क्षेत्र में ऊँचा स्थान प्राप्त हो सकता है।
हम लोग अहिंसा यात्रा अब तक कर रहे हैं, इसमें सद्भावना, नैतिकता, नशामुक्ति की बात बताई जा रही है। ये अच्छे संस्कारों के निर्माण का प्रयास है। आदमी हिंदु है या मुसलमान बाद की बात है, पहले आदमी अच्छा इंसान बने। हमारी अहिंसा यात्रा में आदमी को अच्छा बनाने वाली बात है।
अब दिल्ली में थोड़ा भ्रमण करके हरियाणा-राजस्थान जाना है। आज पूर्वी दिल्ली में आना हुआ है। गोयल साहब
यहाँ बैठे हैं, जो विधानसभा के अध्यक्ष हैं। आपसे अनेक बार संपर्क हो गया है। पूर्वी दिल्ली में भी जैन-अजैन कोई भी हो सब गुड़मैन रहें। आदमी अच्छा आदमी बने, यह आदमी का चिंतन रहे तो अच्छी बात हो सकती है।
पूज्यप्रवर के स्वागत में बाबूलाल दुगड़ (अध्यक्ष ओसवाल समाज), स्थानीय सभा अध्यक्ष राजेंद्र सिंघी, महिला मंडल (स्वागत गीत), तेजकरण बैद, सुरेश भंसाली, धर्मचंद सेठिया, तेयुप (गीत), हनुमानमल बांठिया (ट्रस्टी ओसवाल भवन), ओसवाल यूथ मंच, किरण चोपड़ा, दिल्ली विधानसभाध्यक्ष रामनिवास गोयल, शाहदरा महिला मंडल अध्यक्ष ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाएँ, सतीश जैन, मुस्कान ने अपनी भावना अभिव्यक्त की।
कार्यक्रम में तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी ने आज पूज्यप्रवर से 44वें वर्षीतप के पच्चक्खाण लिए। पूज्यप्रवर ने फरमाया कि हमारे धर्मसंघ के उग्रविहारी-तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी स्वामी खूब सुखे समाधे रहें। मंगलपाठ की कृपा करवाई एवं प्रत्याख्यान करवाए।
कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।