विनय के गुण को अपनाएँ, घर को स्वर्ग बनाएँ

गुरुवाणी/ केन्द्र

विनय के गुण को अपनाएँ, घर को स्वर्ग बनाएँ

चेन्‍नई।
तेरापंथ सभा भवन, साहुकारपेट में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि श्रावक समाज का विनम्रता से युक्‍त होने पर उनका घर स्वर्ग के समान होता है, दूसरे लोग भी उनका उदाहरण दे सकते हैं।
घर में बिखराव के मूल में सामंजस्य की कमी का होना होता है। पढ़ाई के साथ में गढ़ाई होने पर व्यक्‍ति सामंजस्य की ओर अग्रसर हो सकता है। मुनिश्री ने विशेष रूप से कहा कि झुकता वही है, जिसमें कुछ ज्ञान हैअकड़पन तो मुर्दों की पहचान है। झुकने वाला ही महान होता है। बड़ों के साथ विनम्रता का व्यवहार करना चाहिए। बड़ों में चित्त में समाधि उत्पन्‍न करना धर्म है। विद्या लेने वालों को शिष्य बनकर विद्या ग्रहण करनी चाहिए।