साध्वीप्रमुखा रो उपकार

साध्वीप्रमुखा रो उपकार

जय हो जय हो शासनमाता महिमा अपरंपार है

जयनारों के जयघोषों से, भू नभ एकाकार है।

शासनमाता री साध्वीप्रमुखा री,

॥ध्रुव॥ जय हो, जय हो, जय हो---

 

महाउपकारी महाश्रमण गुरु पचक्खयो अनशन तिविहार

जागरूकता स्यूं स्वीकार्यो साध्वीप्रमुखा गण सिणगार

मजबूत मनोबल शूरवीरता कलश चढ़ायो गण शहतीर

तिविहार संथारो करने बदली जीवन री तस्वीर

सदिया याद करेली, साध्वीप्रमुखा रो उपकार॥

जय हो, जय हो, जय हो---

 

सूनो सूनो गणवन आँगन रीती सारी गगरी है

दर्शन बिन म्हैं वंचित रह्ग्या रह गई बात मन री है

मनहारी मुखमुदा थांरी लागै मोहनगारी है

अधबिच छोड़ चल्यां क्यूं म्हारे न्हैं मुरझाई फुलवारी है

जनम जनम नहीं भूलेगा ओ श्रमणीगण परिवार है॥

जय हो, जय हो, जय हो---

 

असाधारण शासनमाता श्रीमुख स्यूं पायो सम्मान

त्रयगुरु री आणा आराधी शासनमाता गण री शान

अध्यात्म साधना केंद्र महरौली अनुकंपा भवन में निर्वाण

गण री धड़कन में थे बसग्या, संघ हित करता थे बलिदान

हीरकणी वैडुर्यमणी री चिऊं दिशि जय जयकार है॥

जय हो, जय हो, जय हो---

शासन माता री॥

 

लय : आओ बच्चो---