अणुव्रत स्थापना दिवस

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अणुव्रत स्थापना दिवस

तंडियारपेट, चेन्‍नई
अणुव्रत विश्‍व भारती सोसायटी के तत्त्वावधान में अणुव्रत समिति, चेन्‍नई की आयोजना में मुनि अर्हत कुमार जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ सभा भवन में 74वाँ अणुव्रत स्थापना दिवस मनाया गया। मुनिश्री ने कहा कि अणुव्रत मानव को मानव बनाने की प्रक्रिया है। छोटे-छोटे नियमों का पुलिदां हैअणुव्रत। इस आंदोलन में व्यक्‍तिश: सुधार की अपेक्षा को परिलक्षित किया गया है। अणुव्रत कहता है कि पहले स्वयं सुधरे, फिर समाज को सुधारने का प्रयास करने से सफलता प्राप्त हो सकती है। मुनिश्री ने विशेष रूप से कहा कि हम धार्मिक तभी कहलाने के काबिल होंगे, जब हमारे व्यवहार, व्यापार में नैतिकता, प्रामाणिकता, ईमानदारी होगी। कथनी-करनी में एकरूपता होगी। मुनि भरत कुमार जी, मुनि जयदीप कुमार जी ने भी विचार प्रकट करते हुए अणुव्रतों के नियमों से सम्यक् जीवन निर्माण की प्रेरणा दी। अणुव्रत समिति सदस्यों द्वारा मंगलाचरण गीत प्रस्तुत किया गया। अध्यक्ष ललित आंचलिया ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। मंत्री अरिहंत बोथरा ने अणुव्रत के इतिहास और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर धर्मसंघ की संघीय संस्थाओं के पदाधिकारियों, सदस्यों के साथ काफी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए। तंडियारपेट सभा ट्रस्ट के मुख्य न्यासी इंदरचंद डूंगरवाल ने मुनिवृंद के तंडियारपेट पधारने पर स्वागत-अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन देवीलाल हिरण ने और धन्यवाद ज्ञापन तंडियारपेट ट्रस्ट के मंत्री पूनमचंद मांडोत ने किया।