फेमिना विंग-साउंड हीलिगं विथ लाइट फ्रीक्वेंसी कार्यशाला

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फेमिना विंग-साउंड हीलिगं विथ लाइट फ्रीक्वेंसी कार्यशाला

साउथ कोलकाता
नारी धरती माँ का स्वरूप है। जिस प्रकार धरती माता सारे संसार के प्राणियों की निस्वार्थ भाव से रक्षा करती है, ठीक उसी प्रकार नारी अपने घर और प्रोफेशनल कैरियर के बीच सामंजस्य स्थापित कर अपने परिवार का समुचित ख्याल रखती है। इस समूचे जीवनचक्र में वह ‘मैं खुश रहना चाहती हूँ; को भूलकर दूसरों को खुश करने में लगी रहती है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए टीपीएफ की फेमिना विंग ने समाज की मोटीवेटर एवं हीलर डॉ0 सुनीता नाहआ जो स्वयं 30 से ज्यादा हीलिगं थैरेपी की ज्ञाता है, से अनुरोध कर साउंड हीलिगं विथ लाइफ फ्रीक्वेंसी के माध्यम से ‘मैं खुश रहना चाहती हूँ और यह मेरा अधिकार है’ कार्यशाला का आयोजन यिका गया। टीपीएफ साउथ कोलकाता के अध्यक्ष आलोक चोपड़ा ने अपने अध्यक्षीय स्वागत वक्‍तव्य में सभी का हार्दिक अभिनंदन किया। कार्यक्रम की शुरुआत खुशबू दुगड़ ने मंगलाचरण से की। इसके पश्‍चात कार्यक्रम की संयोजिका कंचन सिरोहिया ने कार्यशाला की प्रमुख वक्‍ता डॉ0 सुनीता नाहटा का सभी से परिचय करवाया। इस कार्यशाला में सुनीता साउंड हीलिगं विथ लाइट फ्रीक्वेंसी के माध्यम से सभी को मेडिटेशन करवाया। टीपीएफ के ईस्ट जोन 1 के अध्यक्ष सुशील चोपड़ा ने कहा कि टीपीएफ के आयोजन को हमें घर-घर पहुँचाना है, जिससे हमारे समाज के लोगों को सही मार्गदर्शन मिल सके। कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति टीपीएफ मीडिया के राष्ट्र प्रभारी राहुल राठौड़, ईस्ट जोन 1 के मंत्री गणेश बैद, पूर्व राष्ट्रीय मंत्री सुशील चोरड़िया, राजसमंद ब्रांच, अध्यक्ष आर0के0 जैन, कोलकाता ब्रांच अध्यक्ष प्रीति जैन, फोरम के वरिष्ठ सदस्य बाबूलाल बिनायकिया की रही। कुल 62 जनों की उपस्थिति रही। टीपीएफ के मंत्री प्रवीण कुमार सिरोहिया ने कार्यक्रम में पधारे हुए सभी अतिथियों, वक्‍ताओं, सदस्यों एवं अन्य संस्थाओं के गणमान्य व्यक्‍तियों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन टीपीएफ साउथ कोलकाता की फेमिना विंग संयोजिका कंचन सिरोहिया का रहा।