अणुव्रत काव्यधारा में अणुव्रत संकल्पों की सुर सरिता

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अणुव्रत काव्यधारा में अणुव्रत संकल्पों की सुर सरिता

जयपुर
अणुव्रत के 74वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अणुव्रत विश्‍व भारती के तत्त्वावधान में अणुव्रत समिति, जयपुर द्वारा अणुविभा भवन में अणुव्रत काव्यधारा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में अणुव्रत समिति अध्यक्ष विमल गोलछा ने कवियों तथा अतिथियों का स्वागत किया। राजेश धाड़ेवा ने अणुव्रत गीत की प्रस्तुति दी। अणुविभा अध्यक्ष संचय जैन ने कहा कि अणुव्रत अनेक समस्याओं से त्रस्त विश्‍व की जरूरत है। उन्होंने अणुविभा के उद्देश्यों तथा क्रिया-कलापों पर प्रकाश डाला। विनोद मोदी ने काव्य की शुरुआत कविता से की। वहीं डॉ0 नीरू जैन ने अपनी काव्य रचना के माध्यम से विश्‍व की शांति का आह्वान किया। केसरदेवी मारवाड़ी ने वर्तमान जीवन में आई विसंगतियों पर व्यंग्य किया। साध्वी शीलयशाजी ने अपनी कविता के माध्यम से भ्रूण हत्या रोकने का संदेश दिया। शासनश्री साध्वी धनश्री जी ने अणुव्रत के नियमों एवं इनकी प्रासंगिता पर प्रकाश डाला। साध्वी सलिलयशा जी ने जीवन में प्रामाणिक बने रहने का आह्वान किया। वरिष्ठ कवि इकराम राजस्थानी, अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित फारूक आफरीदी काव्यमय प्रस्तुति दी। अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित वयोवृद्ध कवि और गीतकार डॉ0 नरेंद्र शर्मा ‘कुसुम’ प्रस्तुति दी। सभी कवियों का अणुव्रत साहित्य तथा अणुव्रत डायरी भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप नाहटा ने किया। इस अवसर पर अणुविभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अविनाश नाहर, अणुविभा, जयपुर केंद्र के अध्यक्ष पन्‍नालाल बैद, संघीय संस्था के अध्यक्ष नरेश मेहता, मंत्री पन्‍नालाल पुगलिया, महिला मंडल, शहर की अध्यक्ष निर्मला सुराणा, टीपीएफ अध्यक्ष संदीप जैन सहित अनेक गणमान्य व्यक्‍ति उपस्थित थे। अणुव्रत समिति मंत्री डॉ0 जयश्री सिद्धा ने सभी का आभार व्यक्‍त किया।